Friday 15 May 2015

त्वचा की गर्मी

पुदीना : ठंडा-ठंडा, कूल-कूल

कई बार हम साधारण सी बीमारी में भी घबरा जाते हैं लेकिन अगर हमें थोड़ा भी घरेलू नुस्खों के बारे में पता हो तो आसानी से तुरंत इलाज किया जा सकता है। दादी-नानी के खजाने से हम लेकर आए हैं ऐसे ही कुछ खास लाजवाब सरल-सहज नुस्खे, जिन्हें अपना कर आप भी पा सकते हैं निरोगी काया :

* हैजे में पुदीना, प्याज का रस, नींबू का रस बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर पिलाने से लाभ होता है। उल्टी-दस्त, हैजा हो तो आधा कप पुदीना का रस हर दो घंटे से रोगी को पिलाएं।

* आंत्रकृमि में पुदीने का रस दें।

* अजीर्ण होने पर पुदीने का रस पानी में मिलाकर पीने से लाभ होता है।

* पेटदर्द और अरुचि में 3 ग्राम पुदीने के रस में जीरा, हींग, कालीमिर्च, कुछ नमक डालकर गर्म करके पीने से लाभ होता है।

* प्रसव के समय पुदीने का रस पिलाने से प्रसव आसानी से हो जाता है।

* बिच्छू या बर्रे के दंश स्थान पर पुदीने का अर्क लगाने से यह विष को खींच लेता है और दर्द को भी शांत करता है।

* दस ग्राम पुदीना व बीस ग्राम गुड़ दो सौ ग्राम पानी में उबालकर पिलाने से बार-बार उछलने वाली पित्ती ठीक हो जाती है।

* पुदीने को पानी में उबालकर थोड़ी चीनी मिलाकर उसे गर्म-गर्म चाय की तरह पीने से बुखार दूर होकर बुखार के कारण आई निर्बलता भी दूर होती है।

* धनिया, सौंफ व जीरा समभाग में लेकर उसे भिगोकर पीस लें। फिर 100 ग्राम पानी मिलाकर छान लें। इसमें पुदीने का अर्क मिलाकर पीने से उल्टी का शमन होता है।

* पुदीने के पत्तों को पीसकर शहद के साथ मिलाकर दिन में तीन बार चाटने से अतिसार सें राहत मिलती है।

* तलवे में गर्मी के कारण आग पड़ने पर पुदीने का रस लगाना लाभकारी होता है।

* हरे पुदीने की 20-25 पत्तियां, मिश्री व सौंफ 10-10 ग्राम और कालीमिर्च 2-3 दाने इन सबको पीस लें और सूती, साफ कपड़े में रखकर निचोड़ लें। इस रस की एक चम्मच मात्रा लेकर एक कप कुनकुने पानी में डालकर पीने से हिचकी बंद हो जाती है।

* ताजा-हरा पुदीना पीसकर चेहरे पर बीस मिनट तक लगा लें। फिर ठंडे पानी से चेहरा धो लें। यह त्वचा की गर्मी निकाल देता है।

* हरा पुदीना पीसकर उसमें नींबू के रस की दो-तीन बूँद डालकर चेहरे पर लेप करें। कुछ देर लगा रहने दें। बाद में चेहरा ठंडे पानी से धो डालें। कुछ दिनों के प्रयोग से मुँहासे दूर हो जाएँगे तथा चेहरे की कांति खिल उठेगी।

* पुदीने का सत निकालकर साबुन के पानी में घोलकर सिर पर डालें। 15-20 मिनट तक सिर में लगा रहने दें। बाद में सिर को जल से धो लें। दो-तीन बार इस प्रयोग को करने से बालों में पड़ गई जुएँ मर जाएँगी।

* पुदीने के ताजे पत्तों को मसलकर मूर्छित व्यक्ति को सुंघाने से मूर्छा दूर होती है।

* पुदीने और सौंठ का क्वाथ बनाकर पीने से सर्दी के कारण होने वाले बुखार में राहत मिलती है।



आयुर्वेदा जड़ी बूटी
Mob. No. 09673212347.

Saturday 9 May 2015

‎आँखों‬ ‎की‬ ‎रौशनी‬ ‪तेज‬ ‎करने‬ ‎के‬ ‎उपाय‬

* सुबह उठकर मुहँ में पानी भरकर आँखें खोलकर साफ पानी के छीटें आँखों में मारने चाहिए इससे आँखों की रौशनी बढ़ती है ।
* प्रातः खाली पेट आधा चम्मच ताजा मक्खन, आधा चम्मच पसी हुई मिश्री और 5 पिसी काली मिर्च मलाकर चाट लें, इसके बाद कच्चे नारीयल की गिरी के 2-3 टुकड़े खूब चबा-चबाकर खाये और ऊपर से थोड़ी सौंफ चबाकर खा लें फिर दो घंटे तक कुछ भी न खाये। यह क्रिया 2-3 माह तक जरूर करिये ।
* बालों पर रंग, हेयर डाई और केमीकल शैम्पू लगाने से परहेज करें ।
* रात को 1 चम्मच त्रिफला मिट्टी के बर्तन में भिगाकर सुबह छाने हुए पानी से आँखें धोयें। इससे आँखों की रोशनी बढ़ती है और कोई बीमारी भी नहीं होती है।
* प्रातःकाल सूर्योदय से पहले नियमित रूप से हरी घास पर 15-20 मिनट तक नंगे पैर टहलना चाहए। घास पर ओस की नमी रहती है नंगे पैर इस पर टहलने से आँख को तनाव से राहत मिलती है।और रौशनी भी बढ़ती है ।
* पैरों के तलवे की सरसों के तेल से नियमित मालिश करनी चाहिए । नहाने से 10 मिनट पूर्व पैरों के अंगूठों को सरसों के तेल से तर करने से आँखों की रौशनी लम्बे समय तक कायम रहती है ।
* पालक, पत्ता गोभी, हरी सब्जियाँ और पीले फल खाएं। विटामिन ए, सी और ई से भरपूर कई पीले फल हमारी आंखों के लिए फायदेमंद हैं। इसके अतिरिक्त पपीता, संतरा, नींबू आदि के सेवन से दिन की रोशनी में हमारे देखने की क्षमता बढ़ती हैं।
* आँखों की रौशनी बढ़ाने के लिए प्रतिदिन 1-2 गाजर खूब चबा-चबाकर खाएँ ।गाजर का रस निकालकर भोजन के घंटे भर बाद पिएँ।
* नियमित रूप से अंगूर खाएं, अंगूर के सेवन से रात में देखने की क्षमता बढ़ती है।
* 2 अखरोट और 3 हरड की गुठली को जलाकर उनकी भस्म के साथ 4 काली मिर्च को पीसकर उसका अंजन करने से आँखों की रौशनी बढती हे।
* 10 ग्राम छोटी हरी इलाइची , 20 ग्राम सौंफ के मिश्रण को महीन पीस लें। एक चम्मच चूर्ण को दूध के साथ नियमित रूप से पीने से आंखों की ज्योति अवश्य ही बढ़ती है।
* अनार के 5 से 6 पत्ते को पीस कर दिन में 2 बार लेप करने से दुखती आँख में लाभ होता हे और रौशनी भी बढ़ती है ।
* 300 ग्राम सौंफ को अच्छे से साफ करके कांच के बर्तन में रख ले अब बदाम और गाजर के रस से सौंफ को तीन बार भगोएँ जब सुख जाए तो इसे रोज रात दूध के साथ लें इससे भी आँखों की रोशनी बढ़ती है ।
* सूखें आँवले को रात में पानी में अच्छी तरह धोकर भिगो दें फिर दिन में 3 बार इसे रुई से आँखों में डालें और आँवले का ज्यादा ज्यादा किसी ना किसी रूप में अपने खाने / पीने में अवश्य ही प्रयोग करें। 3 माह के अंदर ही चश्मा उतर जायेगा ।
* प्रतिदिन भोजन के साथ 50 से 100 ग्राम मात्रा में पत्तागोभी के पत्तों का सलाद बारीक कतर कर, इन पर पिसा हुआ सेंधा नमक और काली मिर्च डालकर खूब चबा-चबाकर खाएँ।
* आंखों की स्वस्थ्यता के लिए अच्छी नींद जरूरी है, नहीं तो आंखों के नीचे काला घेरा पड़ जाता है और रोशनी भी कम होती है।
* जब आँख भारी होने लगे नींद का समय हो जाए तब जागना उचित नहीं। सूर्योदय के बाद सोये रहने, दिन में सोने और रात में देर तक जागने से आँख पर बुरा प्रभाव पड़ता है और धीरे-धीरे आँखे रुखी और बेजान होने लगती है
* लगातार, बिस्तर पर लेट कर और यात्रा के दौरान पढ़ना नहीं चाहिए। पढ़ाई के समय आंखों को पर्याप्त विश्राम दें। अतिरिक्त सूर्य की और भी टकटकी लगाकर नहीं देखना चाहिए।
* आंखों की रोशनी तेज करने के लिए अपनी डाइट में प्याज और लहसुन को जरूर शामिल करें। इनमें सल्फर होता है जो आंखों के लिए ग्लूटाथाइन नामक एंटीऑक्सीडेंट तैयार करता है, जिससे नेत्रों की ज्योति बढ़ती है ।
* सोया व इसके उत्पाद में फैट्स बहुत कम व प्रोटीन बहुत अच्छी मात्रा में होता है। इसमें जरूरी फैटी एसिड, विटामिन ई व कई जरूरी तत्व होते हैं जो आंखों के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। * बालों पर रंग, हेयर डाई और केमीकल वाले शैम्पू नहीं लगाना चाहिए इसका भी बुरा असर हमारी आँखों पर पड़ता है ।
* लगातार टीवी देखने से आंखों की ज्योति घटती है क्योंकि टीवी से निकलने वाली घातक किरणे हमारी आँखों को बहुत ज्यादा नुकसान पहुँचती है। कभी भी बहुत पास या बहुत दूर और लेटकर भी टीवी नहीं देखना चाहिए ।

Wednesday 6 May 2015

श्वेत प्रदर (सफ़ेद पानी)

श्वेत प्रदर (सफ़ेद पानी).....!
* श्वेत प्रदर होने पर स्त्री की योनि से सफेद रंग का चिकना स्त्राव पतले या गाढ़े रूप में निकलने लगता है| इस प्रदर में तीक्ष्ण बदबू उत्पन्न होती है| ऐसे में दिमाग कमजोर होकर सिर चकराने लगता है| स्त्री को बड़ी बैचेनी एवं थकान महसूस होती है|कारणखून की कमी, चिन्ता, शोक, भय, सम्मान की कमी, अधिक सम्भोग, भावनात्मक कष्ट, अजीर्ण, कब्ज, मूत्राशय की सूजन आदि कारणों से स्त्रियों को श्वेत प्रदर हो जाता है|
*पहचानयोनि मार्ग से सफेद रंग का पतला-पतला स्त्राव निकलता है| कभी-कभी गाढ़ा लेसदार स्त्राव चिपचिपे श्लेष्मा के साथ निकलने लगता है| इस रोग में भूख नहीं लगती| पेट में भारीपन, सिर दर्द, शरीर में दर्द, उत्साह का खत्म हो जाना, जलन, योनि में खुजली तथा दुर्गंध आने लगती है| स्त्री दिन-प्रतिदिन कमजोर होती चली जाती है| शरीर में हड़फूटन पड़ती है तथा कमर में बड़ी तेजी से दर्द होता है|
*नुस्खे.....!
*10 ग्राम मुलहठी तथा 20 ग्राम चीनी - दोनों को पीसकर चूर्ण बना लें| आधा चम्मच चूर्ण सुबह और आधा चम्मच शाम को दूध के साथ सेवन करें|
*सूखे हुए चमेली के पत्ते 4 ग्राम और सफेद फिटकिरी 15 ग्राम - दोनों को खूब महीन पीस लें| इसमें से 2 ग्राम चूर्ण शक्कर में मिलाकर रात के समय फांककर ऊपर से दूध पी लें| इससे श्वेत प्रदर ठीक हो जाता है| जब तक प्रदर न रुके, यह दवा नियमित रूप से लेते रहना चाहिए|
* पके हुए केले में 1 ग्राम फिटकिरी का चूर्ण भरकर दोपहर के समय उसे खूब चबा-चबाकर खाएं| इससे सफेद प्रकार रुक जाएगा|
*पेट पर ठंडे पानी का कपड़ा 10 मिनट तक रखें| श्वेत प्रदर में यह लाभकारी रहता है|
*अशोक की छाल 50 ग्राम लेकर उसे लगभग 2 किलो पानी में पकाएं| जब पानी आधा किलो की मात्रा में रह जाए तो उसे उतारकर छान लें| ठंडा करके इसमें दूध मिलाकर घूंट-घूंट पिएं| श्वेत प्रदर रोकने की यह अचूक दवा है|
*गुलाब के पांच फूल मिश्री के साथ मिलाकर खिलाएं| ऊपर से गाय का आधा किलो दूध दें|
*अरहर के आठ-दस पत्ते सिल पर पानी द्वारा पीस लें| इसमें थोड़ा-सा सरसों का तेल पकाकर मिलाएं| फिर थोड़ी चीनी डालकर सेवन करें|
*एक चम्मच तुलसी के पत्तों का रस शहद के साथ चाटना चाहिए|
*अनार के सूखे छिलके एक चम्मच की मात्रा में ठंडे पानी से सेवन करें|
*दो चम्मच मूली के पत्तों का रस नित्य पीने से श्वेत प्रदर का रोग ठीक हो जाता है|
*10 ग्राम आंवले का गूदा 2 ग्राम जीरा - दोनों को खरल करके लें|सिंघाड़े के आटे की रोटी पर देशी घी लगाकर कुछ दिनों तक खाएं|

Tuesday 5 May 2015

रक्तातिसार (खूनी दस्त )

बेल :-
बेल का वृक्ष बहुत प्राचीन है |यह लगभग २०-३० फुट ऊंचा होता है | इसके पत्ते जुड़े हुए त्रिफाक और गंधयुक्त होते हैं | इसका फल ३-४ इंच व्यास का गोलाकार और पीले रंग का होता है | बीज कड़े और छोटे होते हैं | बेल के फल का गूदा और बीज एक उत्तम विरेचक (पेट साफ़ करने वाले ) माने जाते हैं | बेल शर्करा को कम करने वाला,कफ व वात को शांत करने वाला,अतिसार, मधुमेह,रक्तार्श,श्वेत प्रदर व अति रज : स्राव को नष्ट करने वाला होता है | आइए जानते हैं बेल के औषधीय गुण -

१- पके हुए बेल का शर्बत पुराने आंव की महाऔषधि है | इसके सेवन से संग्रहणी रोग बहुत जल्दी ही दूर हो जाता है |

२- बेल का मुरब्बा खाने से पित्त व अतिसार में लाभ होता है | पेट के सभी रोगों में बेल का मुरब्बा खाने से लाभ मिलता है |

३- दस ग्राम बेल के पत्तों को ४-५ कालीमिर्च के साथ पीसकर उसमे १० ग्राम मिश्री मिलकर शरबत बना लें | इसका दिन में तीन बार सेवन करने से पेट दर्द ठीक हो जाता है |

४- बेल के गूदे को गुड़ मिलाकर सेवन करने से रक्तातिसार (खूनी दस्त ) के रोगी का रोग दूर हो जाता है |

५- मिश्री मिले हुए दूध के साथ बेल की गिरी के चूर्ण का सेवन करने से, खून की कमी व शारीरिक दुर्बलता दूर होती है |

६- बेल के पत्तों को पीसकर छान लें, इस १० मिलीलीटर रस के प्रतिदिन सेवन से मधुमेह में शर्करा आना कम हो जाती हैं |

Friday 1 May 2015

घर में बनाये आयुर्वेदिक फेसपैक

घर में बनाये आयुर्वेदिक फेसपैक सारी स्कीन प्रॉब्लम्स खत्म हो जाएंगी...!

* आजकल त्वचा को वातावरण के प्रदूषण, धूल-मिट्टी, धूप इत्यादि का सामना करना ही पड़ता है। ऐसे में त्वचा मुरझाई-सी दिखने लगती है। उम्र के साथ होने वाले हार्मोनल परिवर्तन से, प्रदूषण से व कई अन्य कारणों से स्कीन प्रॉब्लम्स सताने लगती हैं। अगर आपके साथ भी कोई स्कीन प्रॉब्लम हैं तो घर पर ही नीचे लिखी विधि से आयुर्वेदिक फेसपैक बनाकर उससे मुक्ति पा सकते हैं।

* चेहरे पर चेचक, छोटी माता या बड़ी फुंसियों के दाग रह गए हैं तो दो पिसे हुए बादाम, दो चम्मच दूध और एक चम्मच सूखे संतरों के छिल्कों का पावडर मिलाकर आहिस्ता-आहिस्ता फेस पर मलें और छोड़ दें।

* हफ्ते में एक बार स्क्रब करें। घरेलु स्क्रब बनाने के लिए एक चम्मच दरदरा चावल का आटा, 1 चम्मच दरदरी मसूर की दाल का पाउडर, 1/2 उड़द की दाल का दरदरा पाउडर, 1 चम्मच गुलाब जल और 1/2 चम्मच शहद मिलाकर गाढा पेस्ट बनाएं और चेहरे पर लगाएं। हलका सूखने पर स्क्रब करते हुए हटाएं। रंग निखर जाएगा।

* हल्दी को मलाई में डालकर चेहरे पर रगडऩे से त्वचा चमकीली बनती है। हल्दी को कच्चे दूध में डालकर मुंहांसों पर लगाने से मुंहासे दूर हो जाते हैं।

* आधा चम्मच संतरे का रस लेकर उसमें 4-5 बूंद नींबू का रस, आधा चम्मच मुल्तानी मिट्टी, आधा चम्मच चंदन पाउडर और कुछ बूंदें गुलाब जल की। इन सबको मिलाकर कर थोड़ी देर के लिए फ्रिज में रख दें। इसे लगा कर 15-20 मिनट तक रखें। इसके बाद पानी से इसे धो दें। यह तैलीय त्वचा का सबसे अच्छा उपाय है।

* अगर आपकी त्वचा ड्राई है, तो काजू को रात भर दूध में भिगो दें और सुबह बारीक पीसकर इसमें मुल्तानी मिट्टी और शहद की कुछ बूंदें मिलाकर स्क्रब करें।

* धूप से हुई सांवली त्वचा में फिर से निखार लाने के लिए नारियल पानी, कच्चा दूध, खीरे का रस, नींबू का रस, बेसन और थोड़ा-सा चंदन का पावडर मिलाकर उबटन बनाएं, इसे नहाने के एक घंटे पहले लगा लें। सप्ताह में दो बार करें। सांवलापन खत्म हो जाएगा।

* रोमछिद्र ज्यादा बड़े हो गए हों तो उन पर टमाटर का रस, नींबू का रस और कच्चा दूध तीनों का पैक बनाकर लगाएं।

दिल के मरीजों के लिए

चालीस साल के हैं तो बादाम खाएं....!

* दिल के मरीजों के लिए दूध, जौ, बादाम ,टमाटर, चैरी, मछली , वेटा ग्लूकोज ये सब बहुत जरूरी और फायदेमंद होता है। अगर आप दिल के रोगी हैं तो अपनी डाइट में इन्हें शामिल करिए और अपने शरीर व दिल को हेल्दी बनाएं।

* ऐसी डाइट कोलेस्ट्रल को घटाने में मदद करती है। इस तरह का खानपान 40 से ज्यादा उम्र वाले दिल के रोगियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी बताया जा रहा है।

* विशेषज्ञों का कहना है कि हेल्दी डाइट ही 40 प्लस के दिल के मरीजों को खतरे से दूर रखता है।

* विशेषज्ञों का कहना है कि रोजाना जौ खाने से 5 से 10 पर्सेंट कोलेस्ट्रॉल घट सकता है।

* विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि 20 मिनट के व्यायाम के बाद 150 मिली टमाटर का जूस पीने से पेट का कैंसर दूर रहेगा। यह दिल की बीमारी को भी दूर रखता है। खाने या पीने में थोड़ी सी भी लापरवाही स्वास्थ्य के लिए मंहगी पड़ सकती है। तो इसका खास ध्यान रखने की जरूरत है।

* पढ़ाई करने वाले युवा छात्रों के लिए बादाम जरूरी है, यह ब्लड शुगर से बचाता है।

* विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादा चिकनाई वाला दूध पीने से आपकी मांशपेशियां बढ़ती हैं। विशेषज्ञों का विश्वास है कि चिकन प्रोटीन के लिए बहुत अच्छा जरिया है।

अनिद्रा की समस्या

बेर :-

बेर बहुत ही उपयोगी और पोषक तत्वों से भरपूर फल है। इन दिनों बेर का मौसम भी है। बेर को अधिकतर लोग बचपन में तो बहुत पसंद करते हैं, लेकिन बड़े होने पर खट्टेपन के कारण इसे नहीं खाते हैं। साथ ही, एक बड़ा कारण यह भी है कि लोग इसके गुणों से अनजान हैं।

बैर में कार्बोज 20-30 G.m., प्रोटीन 2.5 G.m., वसा 0.07 G.m., थाईमिन 0.02 M.g., राईबोफ्लेविन 0.03 M.g., कैल्शियम 25.6 M.g., आयरन 1.5-1-8 M.g., फॉस्फोरस 26.8 M.g. आदि पोषक तत्व उपस्थित होते हैं। चलिए आज जानते हैं बेर खाने से होने वाले कुछ बेहतरीन फायदों के बारे में...

विटामिन सी से भरपूर होता है-
संतरे और नींबू की ही तरह बेर में भी प्रचूर मात्रा में विटामिन-सी पाया जाता है। इसमें अन्य फलों के मुकाबले विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा ज्यादा होती है। इसके सेवन से त्वचा लंबी उम्र तक जवां बनी रहती है।

पेट दर्द की समस्या खत्म कर देता है-
बेर को छाछ के साथ लेने से पेट दर्द की समस्या खत्म हो जाती है।

दिल की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है-
बेर खाने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है। इस कारण दिल से जुड़ी बीमारियां होने की संभावना कम हो जाती है।

बालों के लिए फायदेमंद-
बेर की पत्तियों में 61 आवश्यक प्रोटीन पाए जाने के साथ विटामिन सी, केरिटलॉइड और बी कॉम्प्लेक्स भी अधिक मात्रा में पाया जाता है। यह बालों को घना और हेल्दी बनाता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है-

बेर में मैग्नीशियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस, कॉपर, कैल्शियम और आयरन और खनिज पदार्थ भी मौजूद होते हैं। इन तत्वों से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। जिससे शरीर में रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है।

घाव जल्दी भर देता है-
बेर की पत्तियों को पीसकर तेल के साथ लेप बनाकर लगाने से घाव जल्दी भर जाता है। बेर का गूदा लगाने से भी घाव ठीक हो जाता है।

खांसी और बुखार में है फायदेमंद-
बेर में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइन्फ्लामेटरी गुण होते हैं। इसका जूस पीने से खांसी और बुखार में राहत मिलती है।

अनिद्रा की समस्या दूर हो जाती है-

बेर में 18 प्रकार के महत्वपूर्ण एमीनो एसिड मौजूद होते हैं, जो शरीर में प्रोटीन को संतुलित करते हैं। साथ ही, अनिद्रा की समस्या दूर करते हैं।