नेत्रज्योति बढ़ाने के लिएः (आँखों के रोग)
रतौंधीअर्थात् रात को न दिखना (Night Blindness)-
1. बेलपत्र का 20 से 50 मि.ली. रस पीने और 3 से 5 बूँद आँखों में आँजने से रतौंधी रोग में आराम होता है।
2.श्याम तुलसी के पत्तों का दो-दो बूँद रस 14 दिन तक आँखों में डालने से रतौंधी रोग में लाभ होता है। इस प्रयोग से आँखों का पीलापन भी मिटता है।
3. 1 से 2 ग्राम मिश्री तथा जीरे को 2 से 5 ग्राम गाय के घी के साथ खाने से एवं लेंडीपीपर को छाछ में घिसकर आँजने से रतौंधी में फायदा होता है।
4. जीरा,आँवला एवं कपास के पत्तों को समान मात्रा में लेकर पीसकर सिर पर 21 दिन तक पट्टी बाँधने से रतौंधी में लाभ होता है।
आँख में कचरा जा ने पर
1. सौ ग्राम पानी में एक नींबू का रस डालकर आँखे धोने से कचरा निकल जाता है।
2. आँख में चूना जाने पर घी अथवा दही का तोर (पानी) आँजें।
आँखों का कालापन (Under Eye Dark Circle)
आँखों के नीचे के काले हिस्से पर सरसों के तेल की मालिश करने से तथा सूखे आँवले एवं मिश्री का चूर्ण समान मात्रा में 1 से 5 ग्राम तक सुबह-शाम पानी के साथ लेने से आँखों के पास के काले दाग दूर होते हैं।
1. इन्द्रवरणा (बड़ी इन्द्रफला) के फल को काटकर अंदर से बीज निकाल दें। इन्द्रवरणा की फाँक को रात्रि में सोते समय लेटकर (उतान) ललाट पर बाँध दें। आँख में उसका पानी न जाये,यह सावधानी रखें। इस प्रयोग से नेत्रज्योति बढ़ती है।
2. त्रिफला चूर्ण को रात्रि में पानी में भीगोकर,सुबह छानकर उस पानी से आँखें धोने से नेत्रज्योति बढ़ती है।
3. जलनेति करने से नेत्रज्योति बढ़ती है। इससे आँख,नाक,कान के समस्त रोग मिट जाते हैं।
आँख दुखने पर
गर्मी की वजह से आँखें दुखती हो तो लौकी को कद्दूकस करके उसकी पट्टी बाँधने से लाभ होता है।
आँखों से पानी ब हने पर
1. आँखें बन्द करके बंद पलको पर नीम के पत्तों की लुगदी रखने से लाभ होता है। इससे आँखों का तेज भी बढ़ता है।
2. रोज जलनेति करें। 15 दिन तक केवल उबले हुए मूँग ही खायें। त्रिफला गुगल की 3-3 गोली दिन में तीन बार चबा-चबाकर खायें तथा रात्रि को सोते समय त्रिफला की तीन गोली गर्म पानी के साथ सेवन करें। बोरिक पावडर के पानी से आँखें धोयें इससे लाभ होता है।
मोतियाबिंद(Cataract)एवं झामर1. पलाश (टेसू) का अर्क आँखों में डालने से नये मोतियाबिंद में लाभ होता है। इससे झामर में भी लाभ होता है।
2. गुलाबजल में विषखपरा (पुनर्नवा) घिसकर आँजने से झामर में लाभ होता है।
रतौंधीअर्थात् रात को न दिखना (Night Blindness)-
1. बेलपत्र का 20 से 50 मि.ली. रस पीने और 3 से 5 बूँद आँखों में आँजने से रतौंधी रोग में आराम होता है।
2.श्याम तुलसी के पत्तों का दो-दो बूँद रस 14 दिन तक आँखों में डालने से रतौंधी रोग में लाभ होता है। इस प्रयोग से आँखों का पीलापन भी मिटता है।
3. 1 से 2 ग्राम मिश्री तथा जीरे को 2 से 5 ग्राम गाय के घी के साथ खाने से एवं लेंडीपीपर को छाछ में घिसकर आँजने से रतौंधी में फायदा होता है।
4. जीरा,आँवला एवं कपास के पत्तों को समान मात्रा में लेकर पीसकर सिर पर 21 दिन तक पट्टी बाँधने से रतौंधी में लाभ होता है।
आँख में कचरा जा ने पर
1. सौ ग्राम पानी में एक नींबू का रस डालकर आँखे धोने से कचरा निकल जाता है।
2. आँख में चूना जाने पर घी अथवा दही का तोर (पानी) आँजें।
आँखों का कालापन (Under Eye Dark Circle)
आँखों के नीचे के काले हिस्से पर सरसों के तेल की मालिश करने से तथा सूखे आँवले एवं मिश्री का चूर्ण समान मात्रा में 1 से 5 ग्राम तक सुबह-शाम पानी के साथ लेने से आँखों के पास के काले दाग दूर होते हैं।
1. इन्द्रवरणा (बड़ी इन्द्रफला) के फल को काटकर अंदर से बीज निकाल दें। इन्द्रवरणा की फाँक को रात्रि में सोते समय लेटकर (उतान) ललाट पर बाँध दें। आँख में उसका पानी न जाये,यह सावधानी रखें। इस प्रयोग से नेत्रज्योति बढ़ती है।
2. त्रिफला चूर्ण को रात्रि में पानी में भीगोकर,सुबह छानकर उस पानी से आँखें धोने से नेत्रज्योति बढ़ती है।
3. जलनेति करने से नेत्रज्योति बढ़ती है। इससे आँख,नाक,कान के समस्त रोग मिट जाते हैं।
आँख दुखने पर
गर्मी की वजह से आँखें दुखती हो तो लौकी को कद्दूकस करके उसकी पट्टी बाँधने से लाभ होता है।
आँखों से पानी ब हने पर
1. आँखें बन्द करके बंद पलको पर नीम के पत्तों की लुगदी रखने से लाभ होता है। इससे आँखों का तेज भी बढ़ता है।
2. रोज जलनेति करें। 15 दिन तक केवल उबले हुए मूँग ही खायें। त्रिफला गुगल की 3-3 गोली दिन में तीन बार चबा-चबाकर खायें तथा रात्रि को सोते समय त्रिफला की तीन गोली गर्म पानी के साथ सेवन करें। बोरिक पावडर के पानी से आँखें धोयें इससे लाभ होता है।
मोतियाबिंद(Cataract)एवं झामर1. पलाश (टेसू) का अर्क आँखों में डालने से नये मोतियाबिंद में लाभ होता है। इससे झामर में भी लाभ होता है।
2. गुलाबजल में विषखपरा (पुनर्नवा) घिसकर आँजने से झामर में लाभ होता है।
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