Thursday 8 January 2015

औषधियों के द्वारा हस्तमैथुन का इलाज

हस्तमैथुन (Masturbation)

अपने हाथ से लिंग को तेजी के साथ गति देकर वीर्य को निकाल देना ही हस्तमैथुन कहलाता है। हस्तमैथुन को दूसरी भाषा में आत्ममैथुन भी कहते हैं। किशोर अवस्था में अधिकांश युवक हस्तमैथुन की क्रिया को अंजाम देना शुरू कर देते हैं। कई पुरुष अपने मित्रों को हस्तमैथुन करते देखकर खुद भी यह कार्य करने लगते हैं। हस्तमैथुन को बढ़ावा देने वाली वह किताबें भी होती है जो सेक्स क्रिया को जगाती है। हस्तमैथुन वे किशोर व जवान व्यक्ति करते हैं जो आवारा किस्म के, अपनी जिंदगी के बारे में न सोचने वाले तथा अपनी पढ़ाई के बारे में बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते हैं।

लक्षण-
इस रोग के अंदर पढ़ने में मन न लगना, खाने-पीने का मन न करना, कोई भी कार्य करने का दिल न करना तथा सदा ऐसा मन करना कि किसी भी काम को करने पर असफलता ही हाथ लगेगी, इस तरह के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

जानकारी-
कई मनोचिकित्सकों का मानना है कि अगर ज्यादा समय तक हस्तमैथुन न किया जाए तो वह हानिकारक नहीं होता है। अधिक मात्रा में हस्तमैथुन करने से शरीर के अंदर कई प्रकार के रोग पैदा हो जाते हैं जैसे- चेहरे की चमक समाप्त हो जाना, आंखों के नीचे काले गड्डे पड़ जाना, शरीर के विकास का रुक जाना, कमर के अंदर हमेशा दर्द बने रहना, शरीर की कमजोरी, कुछ भी खाने-पीने का मन न करना तथा किसी भी कार्य को करने में जी न लगना आदि लक्षण महसूस होने लगते हैं। कभी-कभी तो हस्तमैथुन करने के कारण बेचैनी, गुस्सा, मानसिक उत्तेजना तथा मन में हीन भावना बढ़ने लगती है।

सावधानी-
इस तरह के कोई रोग हो तो उनको समाप्त करने के लिए सप्ताह के अंदर एक या दो बार सेक्स क्रिया जरुरी होता है। अगर सेक्स क्रिया करने का कोई साधन ना हो तो शरीर तथा मन के अंदर उठी हुई कामवासना को समाप्त करने के लिए सप्ताह में एक या दो बार हस्तमैथुन कर सकते हैं।

औषधियों के द्वारा हस्तमैथुन का इलाज
500 ग्राम प्याज के रस को 250 ग्राम शुद्ध शहद में मिला लें। इसके बाद इसे धीमी आग पर गर्म करने के लिए रख दें। इसे तब तक पकाते रहे जब तक प्याज का रस जल जाए और केवल शहद बच जाए। शुद्ध शहद के बच जाने पर इसके अंदर 250 ग्राम मूसली का चूर्ण मिलाकर इसको अच्छी तरह से घोंटकर एक साफ की हुई कांच की शीशी में भर लें। इसके बाद इस चूर्ण को सुबह और शाम के समय में हस्तमैथुन के रोगी को खिलाने से हस्तमैथुन जैसे सभी रोग समाप्त हो जाएगें और उसके अंदर एक नयी प्रकार की स्फूर्ति और शरीर के अंदर सेक्स करने की ताकत में बढोतरी होगी।

बेल और पान की जड़ का चूर्ण बनाकर उसमें शहद को मिला लें। फिर इसकी बेर की गुठली के बराबर की गोलियां बनाकर रख लें। इस गोली को 2-2 की मात्रा में गाय के दूध के साथ सुबह और शाम के समय में रोजाना सेवन करने से हस्तमैथुन की वजह से पैदा हुए शीघ्रपतन का रोग समाप्त हो जाता है और संभोग करने की ताकत बहुत अधिक बढ़ जाती

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