आयुर्वेदा जड़ी बूटी की ओर से प्यार भरा नमस्कार !!!
दोस्तों मेरे एक फेसबुक दोस्त ने मुझे अश्वगंधा के बारे में कुछ लिखने के लिए बोला है इसलिए मै आज की पोस्ट मेरे "अंकित शर्मा" नामक दोस्त के लिए सादर कर रहा हु और आप सभी के लिए भी सादर कर रहा हु। दोस्तों अश्वगंधा का झाड़ीदार पौधा ७०-८० से. मी. तक लम्बा होता है। इसकी जड़ अंदर से सफ़ेद, मोटी पतली और १०-११ से. मी. तक लम्बी होती है। इस की जड़ सुखाकर इसको औषधि के रूप में उपयोग में लायी जाती है। वैसे देखा जाये तो अश्वगंधा वनस्पति को बहोत सी बीमारियो पे दि जाती है। दोस्तों एक बात हमेशा याद रखना। कोई भी जड़ी बूटी का उपयोग करने से तुरंत रहत नहीं मिलती इसका एक कोर्स होता है। ये औषधि 2 दिन में भी सूट हो सकती है या 2 महीने भी लग सकते है। लेकिन दावा करता हु की इससे जरूर फायदा होगा। जड़ी बूटियों की दूकान से हम जो औषधीय खरीदते है वो एक बार हमारे डॉक्टर को जरूर दिखाए। इतना सबकुछ तो मै यहाँ लिख नहीं सकता लेकिन कुछ जरुरी बीमारियो के बारे में लिख रहा हु जिसका आप जरूर स्वागत करोगे।
कमरदर्द @ : अश्वगंध और सफ़ेद मूसली को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बनाकर सुबह शाम खाने से कमरदर्द ठीक हो जाता है।
मासिकधर्म की समस्या @ : ४० ग्राम अश्वगंध के चूर्ण में ४० ग्राम चीनी मिलाकर रख दे और रोज खली पेट १० ग्राम मसिख धर्म शुरू होने से १ हप्ते पहले सेवन करना है। जब मासिकधर्म आजाये तो इसका सेवन करना बंद करे।
वीर्य रोग @ : ३०० ग्राम अश्वगंधा को बारीक़ कर के चूर्ण बना ले। रोज सुबह २० ग्राम २५० मिली दूध में मिलकर उबाल ले। जब ये गाढ़ा हो जाये तो इसमें थोड़ी चीनी मिलाकर खाना है।
शरीर की शक्ति @ : अश्वगंधा, सौंठ, विधारा और मिश्री को बराबर मात्रा में लेकर churn बनाकर रख दे। रोज सुबह और शाम को १-१ चम्मच दूध के साथ लेना है। इससे आप को शक्ति मिलेगी।
उच्च रक्तचाप @ : ३ ग्राम अश्वगंधा चूर्ण, ५ ग्राम मिश्री, सूरजमुखी के बिज का २ ग्राम चूर्ण, १ ग्राम गिलोय का बारीक़ चूर्ण पानी के साथ दिन २-३ बार लेने से हाय ब्लड प्रेशर में लाभ होता है।
संधिवात (जोड़ो का दर्द) @ : ३ ग्राम अश्वगंधा के चूर्ण को ४ ग्राम देसी घी में मिलाकर ऊपर से 2 ग्राम शक्कर मिलाके खाने से संधिवात की बीमारी दूर होती है।
टिप @ दोस्तों अगर वनस्पति ओरिजिनल हो तो ही आप को फायदा होगा। डुप्लीकेट दवाईयो से बचे !!
आपका दोस्त
आयुर्वेदा जड़ी बूटी
दोस्तों मेरे एक फेसबुक दोस्त ने मुझे अश्वगंधा के बारे में कुछ लिखने के लिए बोला है इसलिए मै आज की पोस्ट मेरे "अंकित शर्मा" नामक दोस्त के लिए सादर कर रहा हु और आप सभी के लिए भी सादर कर रहा हु। दोस्तों अश्वगंधा का झाड़ीदार पौधा ७०-८० से. मी. तक लम्बा होता है। इसकी जड़ अंदर से सफ़ेद, मोटी पतली और १०-११ से. मी. तक लम्बी होती है। इस की जड़ सुखाकर इसको औषधि के रूप में उपयोग में लायी जाती है। वैसे देखा जाये तो अश्वगंधा वनस्पति को बहोत सी बीमारियो पे दि जाती है। दोस्तों एक बात हमेशा याद रखना। कोई भी जड़ी बूटी का उपयोग करने से तुरंत रहत नहीं मिलती इसका एक कोर्स होता है। ये औषधि 2 दिन में भी सूट हो सकती है या 2 महीने भी लग सकते है। लेकिन दावा करता हु की इससे जरूर फायदा होगा। जड़ी बूटियों की दूकान से हम जो औषधीय खरीदते है वो एक बार हमारे डॉक्टर को जरूर दिखाए। इतना सबकुछ तो मै यहाँ लिख नहीं सकता लेकिन कुछ जरुरी बीमारियो के बारे में लिख रहा हु जिसका आप जरूर स्वागत करोगे।
कमरदर्द @ : अश्वगंध और सफ़ेद मूसली को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बनाकर सुबह शाम खाने से कमरदर्द ठीक हो जाता है।
मासिकधर्म की समस्या @ : ४० ग्राम अश्वगंध के चूर्ण में ४० ग्राम चीनी मिलाकर रख दे और रोज खली पेट १० ग्राम मसिख धर्म शुरू होने से १ हप्ते पहले सेवन करना है। जब मासिकधर्म आजाये तो इसका सेवन करना बंद करे।
वीर्य रोग @ : ३०० ग्राम अश्वगंधा को बारीक़ कर के चूर्ण बना ले। रोज सुबह २० ग्राम २५० मिली दूध में मिलकर उबाल ले। जब ये गाढ़ा हो जाये तो इसमें थोड़ी चीनी मिलाकर खाना है।
शरीर की शक्ति @ : अश्वगंधा, सौंठ, विधारा और मिश्री को बराबर मात्रा में लेकर churn बनाकर रख दे। रोज सुबह और शाम को १-१ चम्मच दूध के साथ लेना है। इससे आप को शक्ति मिलेगी।
उच्च रक्तचाप @ : ३ ग्राम अश्वगंधा चूर्ण, ५ ग्राम मिश्री, सूरजमुखी के बिज का २ ग्राम चूर्ण, १ ग्राम गिलोय का बारीक़ चूर्ण पानी के साथ दिन २-३ बार लेने से हाय ब्लड प्रेशर में लाभ होता है।
संधिवात (जोड़ो का दर्द) @ : ३ ग्राम अश्वगंधा के चूर्ण को ४ ग्राम देसी घी में मिलाकर ऊपर से 2 ग्राम शक्कर मिलाके खाने से संधिवात की बीमारी दूर होती है।
टिप @ दोस्तों अगर वनस्पति ओरिजिनल हो तो ही आप को फायदा होगा। डुप्लीकेट दवाईयो से बचे !!
आपका दोस्त
आयुर्वेदा जड़ी बूटी
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