नमस्ते दोस्तों
अभी सर्दी का मौसम होने के कारण हमें एक समस्या का बहोत खास तरीके से ख्याल रखना होता है और वह समस्या है कफ (बलगम) की। कफ यह हमारी छाती और फेफड़ो में जमा होता है। खांसने पे यह बहार निकलता है। कफ के कारन दमा की शिकायत भी हो सकती है। दोस्तों कफ एक फायदेमंद भी है और नुकसानदायक भी है। हम रोजाना सास अंदर बहार लेते है तो इससे धूल और मिटटी के कण नाक के रास्ते अंदर जाते है तो उस गन्दगी को चिपककर कफ द्वारा वह गन्दगी बहार फेंकी जाती है। कफ ज्यादा से ज्यादा सुबह ४-६ के बीच में ज्यादा परेशान करता है। दोस्तों कफ का प्रमाण शरीर में अगर ज्यादा हो जाता है तो ये नुकसानदायक है जैसे सास लेने में तकलीफ होना। छाती भरी भरी लगाना। छाती में खासते समय दर्द होना। इसलिए हम आप को कुछ आयुर्वेदिक घरेलु उपाय बता रहे है जिससे आपको इस कफ की समस्या से मुक्ति मिलेगी।
१) सरसो के तैल में नमक डालकर मालिश करने से छाती में समायी बलगम निकल जाती है।
२) ५०० ग्राम सत्यानाशी के पंचांग का रस निकालकर उबालना है। जब राबड़ी की जैसा गाढ़ा हो जाये तब उसमे ५० ग्राम पुराना गूढ़ और २५ ग्राम राल मिलाके १ ग्राम का चौथाई भाग की गोलिया बनाके रखना है। दिन में ३ बार १-१ गोली लेने से दमा और कफ में आराम मिलेगा।
३) २० ग्राम बरगद की कोमल शाखाओ को बर्फ के पानी के साथ सेवन करने से कफ में आराम होता है।
४) बच्चे के छाती में अगर बलगम हो और उसे निकलने का कोई तरीका न हो तो रुद्राक्ष को घिसकर शहद के साथ चाटने से उल्टिया होती है और कफ बहार आता है ऐसा ५-५ मिनिट बाद करते रहे।
५) १५ तुलसी के ताजे पत्ते और १० कालीमिर्च को शहद के साथ पीसकर चाटने से गले में जमा बलगम बहार निकल जाता है ऐसा आपको दिन में ३ बार करना है।
अभी सर्दी का मौसम होने के कारण हमें एक समस्या का बहोत खास तरीके से ख्याल रखना होता है और वह समस्या है कफ (बलगम) की। कफ यह हमारी छाती और फेफड़ो में जमा होता है। खांसने पे यह बहार निकलता है। कफ के कारन दमा की शिकायत भी हो सकती है। दोस्तों कफ एक फायदेमंद भी है और नुकसानदायक भी है। हम रोजाना सास अंदर बहार लेते है तो इससे धूल और मिटटी के कण नाक के रास्ते अंदर जाते है तो उस गन्दगी को चिपककर कफ द्वारा वह गन्दगी बहार फेंकी जाती है। कफ ज्यादा से ज्यादा सुबह ४-६ के बीच में ज्यादा परेशान करता है। दोस्तों कफ का प्रमाण शरीर में अगर ज्यादा हो जाता है तो ये नुकसानदायक है जैसे सास लेने में तकलीफ होना। छाती भरी भरी लगाना। छाती में खासते समय दर्द होना। इसलिए हम आप को कुछ आयुर्वेदिक घरेलु उपाय बता रहे है जिससे आपको इस कफ की समस्या से मुक्ति मिलेगी।
१) सरसो के तैल में नमक डालकर मालिश करने से छाती में समायी बलगम निकल जाती है।
२) ५०० ग्राम सत्यानाशी के पंचांग का रस निकालकर उबालना है। जब राबड़ी की जैसा गाढ़ा हो जाये तब उसमे ५० ग्राम पुराना गूढ़ और २५ ग्राम राल मिलाके १ ग्राम का चौथाई भाग की गोलिया बनाके रखना है। दिन में ३ बार १-१ गोली लेने से दमा और कफ में आराम मिलेगा।
३) २० ग्राम बरगद की कोमल शाखाओ को बर्फ के पानी के साथ सेवन करने से कफ में आराम होता है।
४) बच्चे के छाती में अगर बलगम हो और उसे निकलने का कोई तरीका न हो तो रुद्राक्ष को घिसकर शहद के साथ चाटने से उल्टिया होती है और कफ बहार आता है ऐसा ५-५ मिनिट बाद करते रहे।
५) १५ तुलसी के ताजे पत्ते और १० कालीमिर्च को शहद के साथ पीसकर चाटने से गले में जमा बलगम बहार निकल जाता है ऐसा आपको दिन में ३ बार करना है।
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